कर्मण्येवाधिकारस्ते : आधुनिक कार्य संस्कृति के संदर्भ में
कर्मण्येवाधिकारस्ते, श्रीमद्भगवद्गीता का एक प्रमुख श्लोक, भारतीय दर्शनशास्त्र का एक महत्वपूर्ण अंश है। इस श्लोक का शाब्दिक अर्थ है कि व्यक्ति का अधिकार केवल कर्म करने में है, न कि…
कर्मण्येवाधिकारस्ते, श्रीमद्भगवद्गीता का एक प्रमुख श्लोक, भारतीय दर्शनशास्त्र का एक महत्वपूर्ण अंश है। इस श्लोक का शाब्दिक अर्थ है कि व्यक्ति का अधिकार केवल कर्म करने में है, न कि…